Thursday, January 3, 2019

प्रदर्शन के दौरान BJP कार्यकर्ता को चाकू मारा, 3 घायल

केरल के सुप्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सदियों से चली आ रही प्रथा आखिरकार नए साल के पहले बुधवार को टूट ही गई. सबरीमाला में बुधवार को 40 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के दर्शन करने के बाद से राज्य में जमकर बवाल शुरू हो गया है. 2 महिलाओं के दर्शन करने के खिलाफ आज कई हिंदूवादी संगठनों ने राज्यभर में बंद का आह्वान किया है तो कांग्रेस सांसदों ने सबरीमाला मंदिर में 2 श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश करने पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया. जबकि प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों के हमले के विरोध में पत्रकार संगठन ने राज्य की राजधानी में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मीडिया पर भी हमला किया. इस दौरान वहां 3 लोगों को चाकू मारा गया, इनमें बीजेपी कार्यकर्ता भी शामिल था.

सबरीमाला में बुधवार तड़के 2 महिलाओं की एंट्री के बाद राज्य में कई जगहों पर काफी प्रदर्शन हुआ था, इसी प्रदर्शन के दौरान घायल हुए 55 वर्षीय चंदन उन्नीथन की मौत हो गई. विरोध-प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों पर भी हमला किया गया जिसमें कई मीडियाकर्मी घायल हो गए, इसके विरोध में पत्रकारों के संगठन ने राजधानी तिरुवनन्तपुरम में प्रदर्शन कर विरोध जताया.

आज भी जारी हिंसात्मक प्रदर्शन

गुरुवार को सबरीमाला में प्रदर्शन कर रहे 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, इन पर महिला पुलिसकर्मी पर हमला करने का आरोप था. जबकि दो सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं को भी कस्टडी में लिया गया है. आज राज्यव्यापी बंद बुलाया गया है. केरल के कोझिकोड में भी प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों पर हमला किया. पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजूद प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे और दुकानों को जबरन बंद करवा रहे हैं.

'केरल को वार जोन बना रहा संघ'

राज्य में हो रहे प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निशाने पर लिया. विजयन ने कहा कि संघ परिवार इस क्षेत्र को वॉर जोन बनाकर रखा हुआ है, सरकार इस प्रकार के प्रदर्शन बंद करना चाहती है. हम सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदर्शन में 7 पुलिस वाहनों, 79 सरकारी बसों और 39 पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बीजेपी, आरएसएस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई हिंसा से सख्ती से निपटा जाएगा. दोनों महिलाएं सबरीमला में 'ऊपर से नहीं उतरीं', बल्कि वे सामान्य भक्तों की तरह ही गई थीं और अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा और बिंदू ने मंदिर जाने के लिए सुरक्षा मांगी थी जिसके बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई. वे ऊपर से नहीं उतरी थीं. वे सामान्य भक्तों की तरह ही मंदिर गईं. अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हड़ताल करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हड़ताल करने जैसा है. शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद करने के मुख्य पुजारी के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए, विजयन ने कहा कि यह शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ था.

प्रदर्शन के दौरान मारे गए चंदन उन्नीथन, ‘सबरीमाला कर्म समिति’ का कार्यकर्ता था, जो कि महिलाओं के मंदिर में घुसने का विरोध कर रहा था. बुधवार को वहां हुई CPIM-BJP के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में वह घायल हुए जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. देर रात ही उनकी मौत हो गई.

आज कई हिंदूवादी संगठनों ने राज्यभर में बंद का आह्वान किया है. सुबह से लेकर शाम तक की यह हड़ताल विभिन्न हिंदुत्ववादी समूहों के एक संयुक्त संगठन ‘सबरीमला कर्म समिति’ द्वारा बुलाई गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहा है.

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